Watch: हमें गर्व करना चाहिए..एक हिंदू ने लिखा था पाकिस्तान का पहला राष्ट्रगान

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नई दिल्ली: पाकिस्तान ने आज 14 अगस्त को 70वें स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। खबर है कि पाक ने अटारी-वाघा बॉर्डर पर अपने इतिहास का सबसे बड़ा झंडा फहराया है। पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने यह झंडा रविवार रात 12 बजे फहराया। यह झंडा पूरे दक्षिण एशिया में सबसे ऊंचा बताया जा रहा है और दुनिया भर में इसे 8वां सबसे ऊंचा झंडा बताया जा रहा है। यह झंडा 400 फीट ऊंचा है। इसका आकार 120 फीट चौड़ा और 80 फीट लंबा है। चलिए आज पाकिस्तान की आजादी पर हम आपको एक दिलचस्प किस्सा सुनाते है। जिसे शायद ही आज की पीढ़ी जानती हो।

दरअसल पाकिस्तान आज जिस जश्न की खुशी मना रहा है उसका सबसे बड़ा श्रेष्य एक हिंदू शायर जगन नाथ आजाद को जाता है। जी हां वो इसलिए क्योंकि पाकिस्तान का पहला राष्ट्रगान एक हिंदू ने लिखा है जिससे बाद में भारत ले आया गया।

जिन्ना ने कहा हिंदू शायर को तलाशो
सात अगस्त को जब मोहम्मद अली जिन्ना नई दिल्ली से कराची पहुंचे तो उनके सामने बेहिसाब काम थे। आठ अगस्त को अचानक उन्हें ख्याल आया कि पाकिस्तान का एक कौमी ताराना यानी राष्ट्रगान भी होना चाहिए। तुरंत रेडियो लाहौर के अफसरों को बुलाया। हुक्म दिया कि अगले 24 घंटों में पाकिस्तान में उम्दा हिंदू शायर की तलाश की जाए, जो पाकिस्तान का कौमी तराना लिखेगा। पता लगा कि लाहौर में बहुत ही काबिल हिंदू शायर हैं- जगन नाथ आजाद। उर्दू में उनके आसपास कई मुस्लिम विद्वान भी नहीं ठहरते। उन्होंने ठान रखा था कि बंटवारे के बाद लाहौर में ही रहेंगे।

अफसरों ने तुरंत कायदे आजम के पास ये जानकारी पहुंचाई। तब उन्होंने अगला हुक्म दिया कि उस शायर से कहो कि अगले पांच दिनों के अंदर पाकिस्तान का एक उम्दा कौमी ताराना लिखे। हालांकि उनके मुस्लिम सहयोगी और अफसर कुछ नाखुश जरूर थे कि पाकिस्तान का राष्ट्रगान कोई हिंदू क्यों लिखे। लेकिन किसकी हिम्मत थी कि कायदे आजम के सामने जुबान खोले।

जिन्ना क्यों चाहते थे ऐसा
दरअसल, जिन्ना ने मुसलमानों के लिए एक अलग देश हासिल तो जरूर कर लिया था लेकिन दुनिया को दिखाना चाहते थे कि वह बेहद सेक्युलर हैं। इसीलिए उन्होंने पाकिस्तान को न केवल सेक्युलर राष्ट्र घोषित किया बल्कि राष्ट्रगान को एक हिंदू से लिखाना तय किया। उन्हें लगता था कि इससे उनका कद जवाहर लाल नेहरू की तुलना में ज्यादा बड़ा दिखेगा।


आजाद ने लिखा तराना
जगन नाथ आजाद के पास पांच दिनों का समय था। उनकी कलम चली और उन्होंने एक ऐसा तराना लिख दिया, जो पाकिस्तान का पहला कौमी तराना बनने वाला था। पाकिस्तान रेडियो ने इसे कंपोज किया। फिर इसे जिन्ना को सुनाया गया। इसे सुनकर वह खुश हो गए, क्योंकि ये उनकी उम्मीदों पर कहीं ज्यादा खरा था। जब उन्होंने हरी झंडी दी तो इसे कौमी तराने के रूप में पहले 14 अगस्त की आधी रात को रेडियो लाहौर से प्रसारित किया गया। फिर 15 अगस्त को। वर्ष 1952 तक इसे पाकिस्तान के कौमी तराने का दर्जा हासिल रहा। हालांकि शीर्ष मुस्लिम नेताओं और मुस्लिम शायरों को ये काफी चुभता था।

भरे मन से कहा पाकिस्तान को अलविदा
जगन नाथ आजाद को लाहौर के जर्रे-जर्रे से बेपनाह मोहब्बत थी। उनकी बेटी पम्मी ने पिता को समर्पित वेबसाइट जगननाथआजाद डॉट इंफो में लिखा कि सितंबर आते ही एक-एक दिन काटना मुश्किल हो गया। किसी तरह कुछ मुस्लिम मित्रों ने सुरक्षित रखने की कोशिश की लेकिन बाद में उन्हीं मित्रों ने सलाह दी कि उन्हें भारत चले जाना चाहिए।जगन नाथ ने भऱे मन से उस जमीन को अलविदा कहा, जहां वो पैदा हुए थे, जहां उनकी ख्वाहिशों और सपनों ने आकार लिया था।

लेकिन बंटवारे से सबकुछ बिखर गया। उन्होंने दिल्ली आकर लाला लाजपत राय भवन के पास बने शरणार्थी कैंप में शरण ली. फिर डेली मिलाप में नौकरी कर ली। 1948 में आजाद सूचना प्रसारण मंत्रालय की उर्दू पत्रिकाओं में अस्सिटेंट एडीटर हो गए। हालांकि बाद में समय के साथ उन्हें काफी तरक्की भी मिली।

आजाद क्यों चुप रहे
जगन नाथ आजाद ने भारत आने के बाद शुरुआती सालों में शायद ही कभी किसी को ये बताया कि उन्होंने पाकिस्तान का पहला राष्ट्रगान लिखा था। उनके बड़े बेटे आदर्श आजाद कहते हैं कि वह सरकारी नौकरी कर रहे थे। भारत में पाकिस्तान विरोधी भावनाएं बरकरार थीं- ऐसे में उन्हें लगा कि ऐसा करके वो कहीं मुश्किल में नहीं आ जाएं। हालांकि उनके पाकिस्तान मित्र बखूबी इसे जानते थे। हालांकि बाद में आजाद ने उस दौर के जाने माने पत्रकार लव पुरी से इंटरव्यू में इसका खुलासा किया कि किन हालात में जिन्ना के कहने पर उन्होंने पाकिस्तान का राष्ट्रगान लिखा था।

पाक गायकों ने गाया आजाद का तराना
90 और 2000 के दशक में जब पाकिस्तान में ये पता लगना शुरू हुआ कि उनके देश का पहला राष्ट्रगान जगन नाथ आजाद ने लिखा था। तो कई गायकों ने इसे अपनी आवाज में गाया। फहीम मजहर और युवा गायक सनवर ने इसे अपने अपने अंदाज में गाया, जो यूट्यूब पर है और पाकिस्तान में खूब लोकप्रिय है। इन दोनों को ही पाकिस्तान रेडियो ने भी प्रसारित किया।

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