रक्षाबंधन पर जेल में पिता से मिलने पहुंचे बच्चों के चेहरे पर लगाई मोहर, जांच के आदेश

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भोपाल: नई दुनिया की खबर के अनुसार रक्षाबंधन के मौके पर भोपाल सेंट्रल जेल में अपने परिजनों से मिलने पहुंचे लोगों के चेहरे पर जेल प्रशासन द्वारा मुहर लगा दी गई। ऐसा अक्सर बंधुआ मजदूरों के साथ होने की बात सुनी जाती है। साथ ही ऐसा करना मानवीय गरिमा के भी खिलाफ है। जेल प्रशासन के इस कदम पर कैदियों के परिजनों में नाराजगी दिखी, पर उनके कुछ कहने से उनके अपने परिजन के साथ त्यौहार मनाने में मुश्किल आ सकती थी।

गौरतलब है कि मिलने वालों की पहचान कैदियों से अलग की जा सके, इसके लिए आमतौर पर हाथ पर मुहर लगाई जाती है। ज्ञात हो कि जेल में कैदियों से मिलने आए लोगों की पहचान अलग करने के लिए कोई चिह्न लगाया जाता है ताकि भीड़ का फायदा उठाकर कोई कैदी भाग न सके।

हालांकि, जेल प्रशासन का कहना है कि यह मुहर जान-बूझाकर उनके गाल पर नहीं लगाई गयी थी, गलती से हाथ पर लगने की बजाय गाल पर लग गया होगा।

इसी बीच, मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग ने एक किशोरी सहित इन दो बच्चों के चेहरे पर लगाई गई इस मुहर पर संज्ञान लेते हुए जेल महानिदेशक को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। आयोग ने आज मीडिया में इन दोनों बच्चों के चेहरे पर मुहर लगी तस्वीर आने के बाद यह कार्रवाई की।

अखबार की खबर के अनुसार जेल के अधिकारी ने भी इसे अनुचित बताया था। अखबार से बातचीत में जेल के एडीजी गाजीराम मीणा ने कहा, ‘जेल में त्यौहार के समय मुलाकातियों की भीड़ रहती है तो उन्हें भीतर जाने के लिए भेजने के पहले पहचान का चिह्न लगाए जाने की परंपरा है, जो आमतौर पर हाथ पर लगाया जाता है लेकिन इसका जेल मैन्युअल में कोई प्रावधान नहीं है और न ही चेहरे पर पहचान लगाने की परंपरा है।’

भोपाल केंद्रीय जेल के अधीक्षक दिनेश नरगावे ने समाचार एजेंसी भाषा से फोन पर बात करते हुए बताया, ‘राखी के दिन जेल में कैदियों से मिलने के लिए तकरीबन 8,500 मुलाकाती आते हैं। कुछ महिलाएं एवं लड़कियां बुर्का पहनकर आती हैं, इसलिए गलती से मुहर हाथ की बजाय गाल पर लग गई हो। ऐसा प्रतीत होता है कि यह जान-बूझाकर नहीं लगाई गई है।

नरगावे ने यह भी कहा कि यदि भीड़ में एक के चेहरे पर गलती से मुहर लग गई हो, तो किसी पर क्या कार्रवाई करें। यदि पता चलेगा कि किसी ने जान-बूझकर चेहरे पर मुहर लगाई है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

इस मुद्दे पर मीडिया से बात करते हुए जेल मंत्री कुसुम महदेले ने कहा कि बच्चों के चेहरे पर मुहर नहीं लगाई जानी चाहिए थी। उन्होंने यह भी कहा की मामले की जांच करवाई जाएगी और दोषी पर उचित कार्रवाई की जाएगी। साथ ही राज्य के बाल आयोग अध्यक्ष डॉ राघवेंद्र शर्मा ने मामले को गंभीर बताते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही।

वहीं, मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग के जनसंपर्क अधिकारी एलआर सिसोदिया ने बताया, ‘मानवाधिकार आयोग ने एक किशोरी सहित इन दो बच्चों के चेहरे पर लगाई गई इस मुहर पर संज्ञान लिया है और जेल महानिदेशक को इस संबंध में नोटिस जारी करके उनसे सात दिन के अंदर जवाब मांगा है।’

उन्होंने यह भी बताया कि स्थानीय मीडिया में इन दोनों बच्चों के चेहरे पर मुहर लगी तस्वीर आने के बाद यह कार्रवाई की गई है। सिसोदिया ने बताया कि मानवाधिकार आयोग का मानना है कि बच्चे एवं लड़की के चेहरे पर इस तरह जेल प्रशासन द्वारा मुहर लगाना मानवाधिकारों और बाल अधिकारों का उल्लंघन है।

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