श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की धूम, भक्तिमय माहौल में झूमे श्रद्धालु

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हनुमानगढ़। जंक्शन स्थित श्री बाबा रामदेव मंदिर प्रांगण में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा एवं नानी बाई का मायरा महोत्सव के तहत चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव अत्यंत धूमधाम और श्रद्धा से मनाया गया। कथा स्थल को भव्य रूप से सजाया गया था और सम्पूर्ण वातावरण भक्तिमय हो उठा। प्रसिद्ध बालसंत श्री भोलेबाबा जी महाराज ने श्रीकृष्ण जन्म की कथा का विस्तारपूर्वक वर्णन किया। उन्होंने कहा कि जब-जब धरती पर अधर्म बढ़ता है, तब-तब भगवान किसी न किसी रूप में अवतरित होते हैं। कंस के अत्याचार से त्रस्त पृथ्वी पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्म कारागार में माता देवकी और वासुदेव के पुत्र के रूप में हुआ। उन्होंने कथा के माध्यम से कारागार में जन्म, वासुदेव द्वारा श्रीकृष्ण को यमुना पार गोकुल पहुंचाने की घटनाओं का भावपूर्ण चित्रण किया। जैसे ही श्रीकृष्ण जन्म की घड़ी आई, वैसे ही मंदिर परिसर में मौजूद श्रद्धालुओं ने ‘नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की’ के भजनों पर नाच गाकर हर्ष प्रकट किया। भक्तों ने थालियाँ बजाईं, शंख और घंटियों की ध्वनि से वातावरण गूंज उठा। महिलाएं मंगल गीत गाती नजर आईं। बच्चों ने श्रीकृष्ण की पोशाक पहन कर आकर्षक प्रस्तुतियां दीं। पूरा परिसर कृष्णमय हो गया। कथा पांडाल को विशेष रूप से सजाया गया था, जिसमें झांकियों के माध्यम से श्रीकृष्ण लीला को दर्शाया गया। भक्तों के लिए विशेष प्रसाद और भंडारे की व्यवस्था भी की गई थी। आयोजन समिति के सदस्यों ने श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु व्यापक प्रबंध किए थे। इस धार्मिक आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। कथा के चौथे दिन की समाप्ति पर भक्तजन श्रीकृष्ण की जयघोष के साथ गदगद हो उठे। बालसंत भोलेबाबा जी महाराज ने श्रद्धालुओं को धर्म, भक्ति और सदाचार का पालन करने का संदेश भी दिया।

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